रायपुर: नंदनवन चिड़ियाघर रायपुर की बाघिन ‘बिजली’ को बेहतर उपचार के लिए गुजरात के जामनगर स्थित वंतारा (जी.ज़ेड.आर.आर.सी.) भेजा जा रहा है। यह निर्णय वन मंत्री श्री केदार कश्यप के निर्देश पर लिया गया है, ताकि बिजली का बेहतर इलाज हो सके। उल्लेखनीय है कि बाघिन ’बिजली’ का जन्म वर्ष 2017 में हुआ था और वह जन्म से ही नंदनवन में रह रही है। वर्ष 2023 में उसने चार शावकों जिसमें तीन नर (पंचमुख, केशरी और मृगराज) और एक मादा (इंद्रावती) को जन्म दिया था।
अपनी फुर्ती और शाही अंदाज़ के कारण बिजली पर्यटकों की खास पसंद रही है। अगस्त 2025 में बिजली की तबीयत खराब हुई। उसे दस्त और भूख न लगने की समस्या थी। प्रारंभिक जांच में पाचन संबंधी दिक्कतें सामने आईं, लेकिन सुधार न होने पर आगे की जांच में गुर्दे और गर्भाशय में संक्रमण (पायोमीट्रा) पाया गया। यह बड़ी बिल्लियों में एक गंभीर स्थिति होती है।

मुख्य वन संरक्षक श्री अरूण कुमार पांडे ने बताया कि नंदनवन प्रबंधन ने वन मंत्री श्री केदार कश्यप के मार्गदर्शन में जामनगर वंतारा की विशेषज्ञ टीम को रायपुर बुलाया। टीम ने 26 सितंबर से 10 दिनों तक बिजली का इलाज किया, लेकिन आगे उन्नत चिकित्सा की आवश्यकता होने पर उसे जामनगर स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) से अनुमति प्राप्त करने के बाद बाघिन श्बिजलीश् को 7 अक्टूबर को ट्रेन के माध्यम से वंतारा भेजा जा रहा है। पूरे सफर के दौरान पशु चिकित्सकों और विशेषज्ञों की टीम उसकी विशेष रूप से देखरेख करेगी।
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