धरती एवं मानवाधिकार संरक्षण पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में शामिल हुए राज्यपाल
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा है कि अगर कोई आदिवासियों को उनकी जमीन से बेदखल करता है, तो यह मानवाधिकार का उल्लंघन है।
भुवनेश्वर के जयदेव भवन में गत दिवस आयोजित मिट्टी, मां और मानवाधिकार विषय पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में राज्यपाल ने कहा कि आदिवासियों को अपना अधिकार और मानवाधिकार को जानना चाहिए।
वे आज भी कई सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं। उनके अधिकारों को कम नहीं आंका जाना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि कमजोर, पीड़ित, उत्पीड़ित वर्ग के लोग भी अपने मानवाधिकारों से वंचित हैं।
प्रत्येक व्यक्ति का मानवाधिकार होता है। यह हर व्यक्ति को मिलना चाहिए। राज्यपाल ने सभी से आह्वान किया कि वे कमजोर लोगों को उनके मानवाधिकारों का एहसास कराने के लिए लड़ने में मदद करें। उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है।
हर जागरूक युवा, नागरिक को मां, माटी और मानवाधिकार की रक्षा के लिए आवाज उठानी चाहिए। इसके लिए संविधान के प्रावधानों को लागू किया जाना चाहिए।
पृथ्वी पर तेजी से बढ़ रहे विभिन्न प्रकार के प्रदूषण पर श्री हरिचंदन ने चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि अगर हम अभी से प्रदूषण को नहीं रोकेंगे तो यह महामारी का रूप ले लेगा।
राजधानी दिल्ली में हाल ही में प्रदूषण के कारण लोगों को हुई पीड़ा का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि प्रदूषण से बचने तथा देश और राज्य की रक्षा के लिए हर व्यक्ति अभी से जागरूक हो जाए।
कार्यशाला में उड़ीसा राज्य पुलिस के अधिकारियों सहित विश्व मानवाधिकार संरक्षण संगठन के अध्यक्ष एवं अन्य अतिथि शामिल हुए और मानव सुरक्षा पर अपने विचार रखे।
विभिन्न राज्यों एवं जिलों से आये संगठन के सभी सदस्य एवं अन्य राज्यों के प्रमुख लोग भी उपस्थित थे।
Samachaar Today Latest & Breaking News Updates In Hindi