रायपुर: शिक्षा से वंचित बच्चों की पहचान कर शिक्षा के माध्यम से उन्हंव सशक्त बनाने के लिए शिक्षा का उपयोग कर पढ़ना-लिखना, स्वास्थ्य जागरूकता और जीवन कौशल सीख सकें। ज्ञान से लैस, ये बच्चे अब स्कूल जा सकते हैं और अपना भविष्य बेहतर बना सकते हैं। सरगुता जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र में विशेष अभियान चलाकर, शाला त्यागी बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है, जिससे बच्चे स्कूल वापस जा रहे हैं और नए कौशल सीख रहे हैं।
शिक्षा से वंचित बच्चों को मुख्यधारा में वापस लाने की दिशा में जिले में जिला प्रशासन सरगुजा की पहल सफल हो रही है। कलेक्टर के मार्गदर्शन में शिक्षा विभाग ने विकासखंड स्तरीय समिति का गठन किया है। आज जिले के मैनपाट विकासखंड क्षेत्र के 9 पहाड़ी कोरवा बच्चों ने कलेक्टर से मुलाकात की। इस अवसर पर कलेक्टर ने बच्चों को स्कूल बैग, पेन, कॉपी और किताबें देकर बच्चों को पढ़ाई के महत्व को समझाया और उन्हे उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। कलेक्टर ने बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करते हुए उन्हें नियमित रूप से स्कूल जाने और शिक्षा को अपने जीवन में सफलता की सीढ़ी के रूप में अपनाने को कहा।

गौरतलब है कि कलेक्टर ने सुदूर क्षेत्र के भ्रमण के दौरान जंगल में खेल रहे बच्चों से बातचीत कर जाना कि वे स्कूल नहीं जाते। इसके बाद उन्होंने शिक्षा विभाग को इस क्षेत्र में सर्वे करने के निर्देश दिए। सर्वे में 10 से 12 वर्ष की उम्र के 9 बच्चे शिक्षा से वंचित पाए गए थे, जिला प्रशासन द्वारा शिक्षा के अधिकार से वंचित हर बच्चे को मुख्यधारा में जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
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