नई दिल्ली: संसद में संविधान पर चल रही बहस के दौरान (AIMIM)के नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने यह चिंता व्यक्त की कि देश में मस्जिदों की सुरक्षा खतरे में है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड को छीनने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे मुस्लिम समुदाय को कमजोर किया जा रहा है। ओवैसी ने यह भी उल्लेख किया कि मुसलमानों को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने से रोका जा रहा है और वे चुनाव जीतने में असफल हो रहे हैं। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार डिलिमिटेशन प्रक्रिया को लागू नहीं किया जा रहा है, जो कि मुस्लिम समुदाय के लिए एक गंभीर मुद्दा है।
मुस्लिम संस्कृति को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा
ओवैसी ने यह भी कहा कि उर्दू भाषा और मुस्लिम संस्कृति को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने संविधान की सच्चाई पर जोर देते हुए कहा कि इसका अनुच्छेद 26 धार्मिक समुदायों को धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए संस्थाएं स्थापित करने और बनाए रखने का अधिकार प्रदान करता है। प्रधानमंत्री द्वारा वक्फ के संबंध में संविधान से कोई संबंध न होने की बात पर ओवैसी ने सवाल उठाया और कहा कि प्रधानमंत्री को अनुच्छेद 26 का अध्ययन करना चाहिए।
सरकार का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को हड़पना
ओवैसी ने स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को हड़पना है, जो कि मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि मुस्लिम समुदाय को उनके अधिकारों से वंचित न किया जा सके। यह स्थिति न केवल धार्मिक स्वतंत्रता के लिए खतरा है, बल्कि यह देश की सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता को भी प्रभावित कर सकती है।