आचार संहिता के दौरान स्वीकृत हुए करोड़ों के कार्य, अब मनरेगा अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी को देना होगा जवाब

खंडवा: लोकसभा चुनाव की लागू आचार संहिता में मनरेगा के कार्य स्वीकृत करने वाले अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी को अब जवाब देना होगा। बुधवार को जिला पंचायत सीईओ ने एपीओ मनरेगा नरेंद्र कुमार पाटीदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जिसमें आचार संहिता में कार्य स्वीकृत करने और जियो टैगिंग कराने का जवाब तीन दिन में मांगा है, अन्यथा संविदा सेवा समाप्त करने की चेतावनी दी है।

यह था मामला

इस वर्ष अप्रैल 2024 में लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू थी। इस दौरान अप्रैल माह में जिला पंचायत खंडवा द्वारा विभिन्न ग्राम पंचायतों में 1 करोड़ 16 लाख 77 हजार रुपए के कार्य स्वीकृत कर प्रारंभ किए गए। जबकि इन कार्यों को पूर्व में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान स्थगित कर दिया गया था। शिकायतकर्ता पूर्व जिला पंचायत सदस्य रणधीर कैथवास ने बताया कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान जनपद सीईओ के लॉगिन से जियो टैगिंग कराकर इन कार्यों को स्वीकृत कर प्रारंभ किया गया था। इन कार्यों को एनआरजीजीआईएस पोर्टल पर भी प्रदर्शित किया जा रहा है। मामले में सिहाड़ा निवासी पूर्व जिला परिषद सदस्य कैथवास ने जिला निर्वाचन अधिकारी से चार बार शिकायत की थी।

नोटिस में यह लिखा था

लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता 16 मार्च 2024 से प्रभावी हो गई है। आचार संहिता के दौरान आपने 7 कार्यों के जियोटैग स्वीकृत किए थे। इस संबंध में लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इस संबंध में जिला परिषद खंडवा द्वारा 22 नवंबर को आपको कारण बताओ पत्र भी जारी किया गया था। जिसका आपके द्वारा दिया गया जवाब संतोषप्रद नहीं है। आपने अपने जवाब में लिखा है कि उपरोक्त कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति आचार संहिता के पूर्व हो चुकी है, मैंने केवल इन्हें जियोटैग किया है। यह गैर जिम्मेदाराना जवाब है जो आपके कार्य में लापरवाही व अनियमितता दर्शाता है।

निर्देशों की अनदेखी कर कई अन्य शिकायतें भी

जिला पंचायत सीईओ डॉ. नागार्जुन बी.गौड़ा द्वारा जारी नोटिस में यह भी लिखा है कि आप सीएम हेल्पलाइन व श्रमिक नियोजन के कार्यों में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं। श्रम एवं सामग्री का 60-40 अनुपात न रखना, सीईओ जनपद पंचायत खंडवा द्वारा जारी पत्र का जवाब प्रस्तुत न करना, शासन के नियमों एवं निर्देशों तथा वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना दर्शाता है, जो आपकी संविदा सेवा शर्तों के विरुद्ध है। आपको शासन के नियमानुसार एक माह का संविदा पारिश्रमिक देकर आपकी संविदा सेवा समाप्त करने की कार्यवाही क्यों न की जाए। इस संबंध में जिला पंचायत सीईओ ने संबंधित को उनके समक्ष उपस्थित होकर स्पष्टीकरण लेने को कहा है।