टीम इंडिया के लिए ट्रेविस हेड नाम का सिर दर्द खत्म दूर होने का नाम ही नहीं ले रहा है. पिछले डेढ़ साल से भारत के खिलाफ कई बड़े मुकाबलों में हैरतअंगेज पारियां खेल चुके ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ने फिर अपना जलवा दिखा दिया. एडिलेड में खेले जा रहे डे-नाइट टेस्ट मैच के दूसरे दिन ट्रेविस हेड ने विस्फोटक बल्लेबाजी करते हुए भारत के खिलाफ एक और शतक जमा दिया. ट्रेविस हेड को इस दौरान टीम इंडिया का भी साथ मिला, जिसने शतक से ठीक पहले 7 गेंदों के अंदर कैच लेने के दो मौके गंवा दिए.
शनिवार 7 दिसंबर को मैच के दूसरे दिन एडिलेड ओवल के अपने होम ग्राउंड में ट्रेविस हेड पहले सेशन में बल्लेबाजी के लिए उतरे. बाएं हाथ के बल्लेबाज हेड ने 3 विकेट गिरने के बाद क्रीज पर कदम रखे थे. इस वक्त टीम का स्कोर 103 रन था और जसप्रीत बुमराह अपना जलवा दिखा रहे थे. शुरुआत में संभल कर खेलते हुए हेड ने मार्नस लाबुशेन के साथ मिकर टीम को संभाला और भारत के स्कोर के करीब ले गए. इस दौरान लाबुशेन आउट हो गए लेकिन हेड ने पहले सेशन में ही अपना अर्धशतक पूरा कर दिया.
घर में लगाया तीसरा शतक
लंच के बाद दूसरे सेशन में तो ट्रेविस हेड ने हमला ही बोल दिया और सिर्फ 111 गेंदों में शतक पूरा कर लिया. उन्होंने अपने शतक तक पहुंचने के दौरान 10 चौके और 3 छक्के जमा लिए थे. ये ट्रेविस हेड के करियर का 8वां और भारत के खिलाफ कुल दूसरा टेस्ट शतक है. इससे पहले वो पिछले साल वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी भारत के खिलाफ सेंचुरी लगा चुके थे. वहीं अपने घरेलू मैदान पर उनका ये तीसरा शतक है और ये ज्यादा खास है. एक तो वो कुछ ही दिनों पहले पिता बने थे. दूसरा, मैच के दूसरे दिन 50 हजार से भी ज्यादा दर्शक उनका ये शतक देखने के लिए मैदान पर मौजूद थे, जिनमें उनकी पत्नी और उनके बच्चे और दोस्त भी शामिल थे.
7 गेंद में 2 बार मिला जीवनदान
हेड की बल्लेबाजी जितनी दमदार थी, उनकी किस्मत भी उतनी ही अच्छी थी. कई बार गेंद से चकमा खाने के अलावा दो बार उन्हें जीवनदान भी मिला, वो भी शतक से ठीक पहले. हेड जब 76 रन पर थे, तब रविचंद्रन अश्विन की गेंद पर उन्होंने ऊंचा शॉट खेल दिया. सिराज मिड ऑन से पीछे की ओर दौड़े और लंबी डाइव भी लगाई लेकिन वो कैच नहीं लपक सके. हालांकि ये मुश्किल कैच था लेकिन ऐसे हालात में ये बड़ी मुश्किल से मिला एक मौका था.
फिर अगले ओवर में ही हर्षित राणा की गेंद पर हेड ने कट शॉट खेला और बल्ले का किनारा लगा लेकिन गेंद विकेटकीपर और दूसरी स्लिप के बीच से निकल गई. पहली स्लिप की पोजिशन पर ये कैच था लेकिन वहां कोई फील्डर नहीं था और गेंद 4 रन के लिए चली गई. पंत ने डाइव लगाकर कैच की कोशिश भी नहीं की और इस तरह हेड को 7 गेंद में 2 जीवनदान मिल गए, जिसकी सजा उन्होंने शतक जमाकर दी.
7 गेंद में 2 बार मिला जीवनदान
हेड की बल्लेबाजी जितनी दमदार थी, उनकी किस्मत भी उतनी ही अच्छी थी. कई बार गेंद से चकमा खाने के अलावा दो बार उन्हें जीवनदान भी मिला, वो भी शतक से ठीक पहले. हेड जब 76 रन पर थे, तब रविचंद्रन अश्विन की गेंद पर उन्होंने ऊंचा शॉट खेल दिया. सिराज मिड ऑन से पीछे की ओर दौड़े और लंबी डाइव भी लगाई लेकिन वो कैच नहीं लपक सके. हालांकि ये मुश्किल कैच था लेकिन ऐसे हालात में ये बड़ी मुश्किल से मिला एक मौका था.
फिर अगले ओवर में ही हर्षित राणा की गेंद पर हेड ने कट शॉट खेला और बल्ले का किनारा लगा लेकिन गेंद विकेटकीपर और दूसरी स्लिप के बीच से निकल गई. पहली स्लिप की पोजिशन पर ये कैच था लेकिन वहां कोई फील्डर नहीं था और गेंद 4 रन के लिए चली गई. पंत ने डाइव लगाकर कैच की कोशिश भी नहीं की और इस तरह हेड को 7 गेंद में 2 जीवनदान मिल गए, जिसकी सजा उन्होंने शतक जमाकर दी.