कोलकाता में दुर्गा पूजा पर ट्रेनी डॉक्टर को इंसाफ नहीं मिलने का असर

कोलकाता। आरजी कर अस्पताल की ट्रेनी डॉक्टर को इंसाफ नहीं मिला रहा है जिसको लेकर डॉक्टरों का लगातार प्रदर्शन जारी है। ट्रेनी डॉक्टर को इंसाफ दिलाने सेक्स वर्कर्स भी पीछे नहीं हैं। सेक्स वर्कर्स ने दुर्गा प्रतिमा के लिए मिट्टी देने से इनकार कर दिया उनका कहना कि डॉक्टर तो भगवान जैसा होता है और लोग जब उसका सम्मान नहीं कर सकते। तो हम मिट्टी कैसे दे दें। अगर अगले साल तक भी उस डॉक्टर को इंसाफ नहीं मिला, तो हम अगले साल भी मिट्टी नहीं देंगे।
सेक्स वर्कर्स सुषमा (बदला हुआ नाम) कोलकाता के रेडलाइट एरिया सोनागाछी में रहती हैं। हर साल दुर्गा प्रतिमा के लिए अपने घर से मिट्टी देती थीं। इस बार उसने मिट्टी देने से साफ इनकार कर दिया। दुर्गा प्रतिमा बनाने में लगने वाली 10 तरह की मिट्टी में एक रेड लाइट एरिया की भी होती है। सुषमा की तरह बाकी सेक्स वर्कर्स भी मिट्टी नहीं देंगी। ये सभी सरकार से नाराज हैं।
पश्चिम बंगाल में हर साल दुर्गा पूजा धूमधाम से मनाई जाती है, लेकिन इस बार माहौल कुछ अलग है। आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर की घटना के विरोध में कोलकाता में धरना, प्रदर्शन और मार्च निकाले जा रहे हैं। इसका असर दुर्गा पूजा पर भी दिख रहा है। ममता सरकार दुर्गा पूजा के लिए हर इलाके के लोकल क्लब को 85 हजार रुपए देती है, लेकिन घटना के चलते कई क्लब ने ये पैसे लेने से इनकार कर दिया है। पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा से प्राप्त होने वाली 50 हजार करोड़ रुपए की इकोनॉमी खतरे में है। 20 लाख लोगों का रोजगार दांव पर लगा हुआ है। इस बार 9 अक्टूबर से दुर्गा पूजा शुरू होगी।
बता दें परंपरा है कि दुर्गा पूजा में प्रतिमा के लिए मिट्टी सेक्स वर्कर्स के घर से लाई जाती है। कुछ सेक्स वर्कर्स कहती है दुर्गा पूजा में समाज के हर वर्ग की हिस्सेदारी होती है। राजा, दलित सभी को बराबर का हक है। यही वजह है कि सेक्स वर्कर्स के घर से मिट्टी लाकर मां दुर्गा की मूर्ति तैयार की जाती है लेकिन इस बार आरजी कर हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर के साथ जो हुआ, उसके बाद सेक्स वर्कर्स ने मिट्टी देने से इनकार कर दिया है।

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