नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के लिए अलग से स्मारक बनवाने की मांग कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की है। इस पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कड़ी आलोचना की है। शर्मिष्ठा ने कहा कि जब उनके पिता (प्रणब मुखर्जी) का 2020 में निधन हुआ था, तब कांग्रेस नेतृत्व ने न तो कोई शोक सभा आयोजित की और न ही कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस नेतृत्व ने इस मामले में उन्हें गुमराह किया था।
शर्मिष्ठा ने कहा कि वह अपने पिता के डायरी में पढ़ चुकी हैं कि जब पूर्व राष्ट्रपति केआर नारायणन का निधन हुआ था, तो कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई थी और शोक संदेश खुद प्रणब मुखर्जी ने तैयार किया था। इसके अलावा शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सीआर केसवन के एक पोस्ट का हवाला दिया, जिसमें यह बताया गया था कि कांग्रेस ने पार्टी के अन्य नेताओं को सिर्फ इसलिए नजरअंदाज किया क्योंकि वे गांधी परिवार के सदस्य नहीं थे। इस मुद्दे पर डॉ मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे डॉ संजय बारू की किताब द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर पुस्तक का भी उल्लेख किया गया, जिसमें यह जिक्र किया गया था कि कांग्रेस नेतृत्व ने कभी पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के लिए दिल्ली में कोई स्मारक नहीं बनाया, जिनका 2004 में निधन हो गया था। पुस्तक में यह भी दावा किया गया था कि कांग्रेस ने नरसिम्हा राव के दाह संस्कार को दिल्ली में करने के बजाय हैदराबाद में करने की कोशिश की थी।
अंत्येष्टि पर ना हो राजनीति: अखिलेश यादव
गृह मंत्रालय ने कहा था कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ नयी दिल्ली के निगमबोध घाट किया जाएगा। राजनीतिक दलों ने इसके बाद ही हमले करने शुरू कर दिए।उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार देर रात सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, देश के पूर्व प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह) जी की समाधि के संदर्भ में सम्मान की परंपरा का निर्वहन होना चाहिए। इस विषय पर न किसी राजनीति की आवश्यकता है, न होनी चाहिए।
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