अमेठी और रायबरेली पर सस्पेंस, नॉमिनेशन की डेडलाइन करीब; राहुल-प्रियंका को लेकर कब तक फैसला…

अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट से गांधी परिवार के सदस्यों के चुनाव लड़ने को लेकर सस्पेंस बरकरार है।

अलग-अलग अटकलों के बीच कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि उम्मीदवारों के बारे में फैसला पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लेना है।

बीते शनिवार को कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई थी। बताया गया कि इसमें अमेठी और रायबरेली सीट को लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका।

इसके बाद यह फैसला पार्टी नेतृत्व पर छोड़ दिया गया। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और विधायक दल की नेता अराधना मिश्रा ने मीटिंग में लीडरशिप से अहम बातें कहीं।

उन्होंने अपील की कि अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से प्रियंका गांधी वाद्रा को चुनाव लड़ना चाहिए। हालांकि, इस पर कोई फैसला नहीं हुआ।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी और अमेठी व रायबरेली के स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने भी बीते दिनों कहा था कि राहुल और प्रियंका यहां से चुनाव लड़ना चाहिए।

मालूम हो कि रायबरेली और अमेठी में 20 मई को 5वें चरण में मतदान होना है। इन दोनों सीटों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख 3 मई है। ऐसे में यह सवाल खूब उठाया जा रहा है कि आखिर कांग्रेस अमेठी और रायबरेली को लेकर फैसला कब तक करेगी? कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से इसे लेकर हाल ही में सवाल किया गया था।

इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘रायबरेली और अमेठी में आपको कुछ आश्चर्य हो सकता है।’ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिछले हफ्ते कन्नौज में इस मामले एक नया आयाम जोड़ दिया। उन्होंने ऐसा संकेत दिया कि राहुल गांधी उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ सकते हैं। अखिलेश से पूछा गया कि क्या उनके दोस्त (राहुल गांधी) चुनाव लड़ने के लिए अमेठी आएंगे? इसे लेकर उन्होंने कहा, ‘सब आएंगे, अब तो महफिल यूपी में ही सजेगी।’

स्मृति इरानी ने अमेठी से दाखिल किया नामांकन
इस बीच, केंद्रीय मंत्री व बीजेपी कैंडिडेट स्मृति इरानी ने सोमवार को अमेठी लोकसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल कर दिया। उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारी निशा अनंत के समक्ष दो सेटों में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।

नॉमिनेशन के बाद उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद से मुझे 5 साल पहले अमेठी की सेवा करने का मौका मिला।

मैंने पांच साल में वह हासिल किया जो 50 साल में संभव नहीं था।’ इरानी ने कहा, ‘एक समय था जब सांसद के लापता होने के कारण अमेठी के किसानों को खाद के लिए 15 साल तक लाठियां खानी पड़ीं। लेकिन प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए अमेठी में उर्वरक केंद्र बनाकर इस गंभीर समस्या से मुक्ति दिलाई।

अमेठी में 1.14 लाख गरीबों को घर दिए गए, 4 लाख गरीब परिवारों के लिए शौचालय बनाए गए जिससे 16 लाख लोगों को फायदा हुआ।’

इस बार रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ रहीं सोनिया गांधी
दरअसल, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बार रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया। वह राजस्थान से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुई हैं।

उन्होंने 2 दशक तक रायबरेली संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। अगर राहुल गांधी की बात करें तो वह 2004 से 2019 तक अमेठी से लोकसभा सदस्य रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

वैसे राहुल गांधी केरल के वायनाड से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, जहां शुक्रवार को मतदान संपन्न हो गया। पिछले दिनों गाजियाबाद में संवाददाता सम्मेलन के दौरान राहुल गांधी से अमेठी से चुनाव लड़ने के बारे में सवाल किया गया था।

इसे लेकर उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में होगा और पार्टी का जो भी आदेश होगा, वह उसे मानेंगे।