रायपुर: मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि वनवासी कल्याण आश्रम का जनजातीयों की सेवा और उनके संरक्षण की दिशा में अमूल्य योगदान है। उन्होंने कहा कि आश्रम का उद्देश्य केवल सेवा करना नहीं, बल्कि जनजातीय समाज की धर्म-संस्कृति और परंपराओं की रक्षा करते हुए उनके सर्वांगीण विकास को गति देना है। वे आज जशपुर जिले के ग्राम दोकड़ा अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर 1 करोड़ 75 लाख रुपये की लागत से होने वाले 6 विकास कार्यों का भूमिपूजन किया। जिसमें 95 लाख रुपये की लागत से दोकड़ा में अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के चिकित्सालय भवन, 10-10 लाख रुपए के दो आरसीसी पुलिया, 20-20 लाख रुपए दो सामुदायिक भवन एवं 20 लाख रुपए की लागत के स्वागत द्वार निर्माण कार्य शामिल हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में आगे कहा कि दोकड़ा में वनवासी कल्याण आश्रम की शुरुआत वर्ष 1986 में एक छोटे से अस्पताल प्रकल्प के रूप में हुई थी। आश्रम से जुड़े सेवाभावी कार्यकर्ताओं ने तन-मन-धन से जुड़कर क्षेत्र के लोगों की सेवा की और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हुए भूमिपूजन से बड़े और सुसज्जित अस्पताल भवन के निर्माण से अंचल के जनजातीय समाज को स्थानीय स्तर पर बेहतर उपचार उपलब्ध हो सकेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती वर्ष की सभी नागरिकों को बधाई देते हुए बताया कि फरसाबहार में मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल का निर्माण किया जाएगा। इसी प्रकार नर्सिंग कॉलेज और फिजियोथेरेपी कॉलेज की भी स्थापना की जाएगी, उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बगिया सिंचाई योजना प्रारंभ की जा रही है, जिससे 14 ग्रामों को सीधा लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त प्रदेश में सिंचाई परियोजनाओं की मरम्मत एवं जीर्णाेद्धार के लिए 2800 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिससे किसानों को पर्याप्त सिंचाई सुविधा सुनिश्चित होगी।
कार्यक्रम को विधायक श्रीमती गोमती साय और अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय महामंत्री श्री योगेश बापट ने भी सम्बोधित किया और अस्पताल भवन के लिए 95 लाख की स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। इस अवसर पर अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
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