रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के एक सार्वजनिक भाषण की एडिटेड और भ्रामक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। यह वीडियो जानबूझकर इस तरह से काट-छांट कर प्रसारित की गई थी कि मुख्यमंत्री द्वारा कही गई “एक रुपया प्रति एकड़ जमीन” की बात को तोड़-मरोड़ कर “एक रुपया प्रति किलो जमीन” के रूप में प्रस्तुत किया गया, जिससे जनता में भ्रम और गलत संदेश फैलाया गया।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री के भाषण के मूल वीडियो और वायरल क्लिप की तकनीकी जांच में यह स्पष्ट हुआ कि वीडियो के कुछ अंशों को काटकर अर्थ का अनर्थ किया गया। यह कृत्य न केवल मुख्यमंत्री की छवि धूमिल करने का प्रयास माना जा रहा है, बल्कि इससे जनभावनाओं को भड़काने और सरकार के प्रति अविश्वास फैलाने की साजिश भी सामने आई है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर साइबर सेल और स्थानीय पुलिस को जांच सौंपी गई है। प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि यह एडिटेड वीडियो कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से सुनियोजित ढंग से फैलाया गया। पुलिस अब उन अकाउंट्स और मीडिया हैंडल्स की पहचान कर रही है, जिन्होंने सबसे पहले वीडियो को अपलोड किया और आगे साझा किया।
सूत्रों का कहना है कि रायगढ़ जिले से जुड़े कुछ सोशल मीडिया और मीडिया हैंडल्स भी जांच के दायरे में आ सकते हैं। यदि जांच में उनकी भूमिका प्रमाणित होती है तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर झूठी और भ्रामक जानकारी फैलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
सरकार और पुलिस प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर वायरल किसी भी वीडियो या संदेश को बिना सत्यापन के साझा न करें। साथ ही चेतावनी दी गई है कि फर्जी, एडिटेड या भ्रामक कंटेंट फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर जिम्मेदार व्यवहार कितना जरूरी है और कैसे एक छोटी सी काट-छांट बड़े स्तर पर भ्रम और विवाद पैदा कर सकती है। प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि जांच निष्पक्ष होगी और दोषियों को कानून के अनुसार सजा दिलाई जाएगी।
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