विदिशा
ई-टोकन उर्वरक वितरण प्रणाली के अंतर्गत अब किसानों को एक और सुविधा मिलने जा रही है। खाद की बुकिंग के दौरान ही किसान अब होम डिलीवरी के लिए भी बुकिंग कर सकेंगे। इसके लिए किसान से न्यूनतम किराया लिया जाएगा। हालांकि यह व्यवस्था फिलहाल डबल लॉक केन्द्र के पांच किलोमीटर क्षेत्र के गांव तक उपलब्ध कराई जाएगी। बता दें कि पायलेट प्रोजेक्ट के तहत विदिशा के अलावा शाजापुर और जबलपुर इन तीन जिलों में होम डिलीवरी की सुविधा शुरू करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए डबल लॉक केन्द्रों के पांच किलोमीटर क्षेत्र के गांवों को चिहिंत किया जा रहा है जहां यह सुविधा शुरू की जानी है। यह सुविधा शुरू होने से छोटे सीमांत किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा, जिनके पास ट्रैक्टर-ट्रॉली आदि वाहन नहीं होते। उन्हें फिलहाल किराये से वाहन करके खाद अपने गांव तक ले लाना पड़ता हैं।
किसानों को मिलेगी महंगे किराए से मुक्ति
कई बार वाहन नहीं मिलने से भी उन्हें परेशान होना पड़ता है या वाहन चालक को मनमाफिक किराया देना पड़ता है। वर्तमान में पांच किलोमीटर दूर तक खाद की बोरियां पहुंचाने के लिए ऑटो चालक 500 रुपये तक किराया वसूलते हैं। यदि किसी सीमांत किसान को कम खाद ले जाना है तो उन्हें किराया भाड़ा महंगा पड़ जाता है। योजना लागू होने से इन सीमांत किसानों को सबसे ज्यादा लाभ होगा। वहीं उनके समय की भी बचत होगी।
योजना सफल रही तो हो सकती है प्रदेश में लागू
फिलहाल प्रदेश के तीनों जिलों के एक-एक केन्द्र पर योजना शुरू करने की तैयारी चल रही है। विदिशा मुख्यालय पर रामलीला मैदान के पास स्थित डबल लॉक केन्द्र के आसपास आठ गांव चिन्हित किए गए हैं। यदि सब कुछ ठीक रहा और योजना सफल रही हो आगे इसे प्रदेश भर में लागू किया जा सकता है। कृषि कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के उप संचालक केएस खपेड़िया का कहना है कि हमने फिलहाल एक केन्द्र के अंतर्गत आने वाले आठ गांव चिंहित कर भेज दिए हैं। जल्दी ही योजना शुरू की जा सकती है।
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