जबलपुर
भारतीय सेना जबलपुर में हर साल सूर्या मैराथन का आयोजन करती है. इस साल भी 16 नवंबर को यह मैराथन आयोजित की जा रही है. इसमें लगभग 7500 लोग अब तक रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं. इस आयोजन में थल सेनाध्यक्ष अध्यक्ष के पहुंचने की भी उम्मीद है. मुख्यमंत्री मोहन यादव मैराथन में दौड़ने वाले धावकों को हरी झंडी दिखाएंगे. कुल मिलाकर 15 लाख रुपए के इनाम दौड़ने वालों को दिए जाएंगे.
जबलपुर में तीसरी साल सूर्या मैराथन
जबलपुर में लगातार तीसरी साल सूर्या मैराथन का आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन में पिछले साल 10,000 लोगों ने हिस्सा लिया था. इस साल अभी तक 7500 लोग रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं. यह आयोजन भारतीय सेना का मध्य भारत कमान करवाता है.
सेना के अधिकारी मेजर जनरल संजय गौतम ने बताया "रजिस्ट्रेशन के आखिरी वक्त तक पिछले साल से भी ज्यादा लोग इस मैराथन में हिस्सा लेंगे. इस मैराथन में जीतने वाले धावकों को कुल मिलाकर 15 लाख रुपए की राशि इनाम के तौर पर दी जा रही है."
सबसे बड़ी रेस 21 किमी की, इनाम एक लाख
मैराथन में सबसे बड़ा पुरस्कार 21 किलोमीटर की रेस जीतने वाले खिलाड़ी को दिया जाएगा. इसमें एक पुरस्कार स्त्री को और एक पुरुष को दिया जाएगा. मैराथन में अलग-अलग कैटेगरी हैं. सबसे छोटी मैराथन मात्र 3 किलोमीटर की है, जिसमें कभी-कभार दौड़ने वाले लोग भी शामिल हो सकेंगे. अलग-अलग कैटेगरी में कुल मिलाकर 90 लोगों को सम्मानित किया जाएगा.
यह रेस कोबरा मैदान से शुरू होगी और यहीं पर खत्म होगी, लेकिन इस बीच में खिलाड़ी जबलपुर शहर के भीतर भी दौड़ेंगे. इसलिए इस आयोजन में सेना ने जबलपुर पुलिस और जिला प्रशासन की मदद भी ली है.
देश के किसी भी कोने का व्यक्ति दौड़ सकता है
मेजर जनरल संजय गौतम ने बताया "इस रेस को इंडिया रनिंग कैलेंडर में शामिल किया गया है और पूरे देश फिट इंडिया मूवमेंट के जरिए अलग-अलग रेस की जाती हैं. उनकी जानकारी धावकों को होती है इसलिए इस आयोजन में जबलपुर के साथ ही देश के दूसरे इलाकों से भी धावक पहुंच रहे हैं. इस आयोजन में शामिल होने वाले हर खिलाड़ी को ड्रेस दी जाएगी."
"ड्रेस का कुछ पैसा भी लिया जा रहा है. इस ड्रेस में एक चिप होगी, जो एक सेंसर से जुड़ी होगी ताकि ओपनिंग पॉइंट और एंड पॉइंट पर इस बात का मेजरमेंट किया जा सके की धावक में कब रेस शुरू की और कब खत्म की."
ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित मैराथन
एक साथ 7500 लोग दौड़ेंगे तो सब की ओपनिंग और एंडिंग टाइम अलग-अलग होंगे. यह आयोजन जबलपुर में 16 नवंबर को सुबह 5:30 बजे शुरू हो जाएगा. मेजर जनरल संजय गौतम ने बताया "इस बार की रेस का उद्देश्य फ्यूल योर स्पिरिट एंड ऑनर देयर करेज रखा गया है. इस बार की रेस ऑपरेशन सिंदूर में वीरता से लड़ने वाले सैनिकों को समर्पित है."
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