रायपुर: महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने सूरजपुर जिले में तीन दिवसीय राज्योत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए प्रदेशवासियों को छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की रजत जयंती का यह वर्ष राज्य के गौरव, संस्कृति, पहचान और विकास यात्रा का प्रतीक है।

कार्यक्रम की शुरुआत पावन संस्कृत श्लोक—
“छत्तीसगढ़स्य राज्यस्य रजतोत्सवसमागमे।
जयतु संस्कृतिः पुण्या, जयतु जनकल्याणताः।”
से हुई। इसका अर्थ बताते हुए मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि यह आयोजन हमारी पुण्य संस्कृति और जनकल्याण की भावना का उत्सव है।
मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने अपने संबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ केवल धान का कटोरा नहीं, बल्कि संस्कृति का अमूल्य भंडार है। यहाँ के लोकगीतों में जीवन की धड़कन, नृत्य में आत्मा की अभिव्यक्ति और परंपराओं में पीढ़ियों का अनुभव समाया हुआ है। हमारी जनजातीय परंपराएँ, लोककलाएँ, त्योहार व रीति–रिवाज हमारी पहचान हैं, जो हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखते हैं।

उन्होंने कहा कि बीते 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने महिला सशक्तिकरण, पोषण, शिक्षा, जनकल्याण और सामाजिक उत्थान के क्षेत्रों में निरंतर प्रगति की है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार जनहितैषी योजनाओं के माध्यम से हर वर्ग तक विकास के अवसर पहुंचा रही है। परंपरा और आधुनिकता के समन्वय से आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ का निर्माण किया जा रहा है।
राजवाड़े ने कहा कि राज्योत्सव केवल एक सांस्कृतिक उत्सव नहीं, बल्कि हमारी विरासत, उपलब्धियों और सामूहिक सहयोग की प्रेरणा है। यह आयोजन प्रदेशवासियों को अपनी मौलिक जड़ों से जोड़ते हुए विकास की नई दिशा में आगे बढ़ने का संदेश देता है। उन्होंने प्रदेश के सर्वांगीण विकास में सभी के सहयोग का आह्वान किया।

अग्रसेन स्टेडियम ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों ने लोकनृत्य, गीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का भव्य प्रदर्शन किया। जनजातीय लोकनृत्यों की जिला स्तरीय प्रतियोगिता ने आयोजन स्थल को उत्साह और उल्लास से भर दिया।
राज्योत्सव के दौरान मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं, उपलब्धियों और स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करते विभागीय स्टालों का अवलोकन भी किया। उन्होंने स्टालों में महिला उद्यमिता, पोषण कार्यक्रम, हस्तशिल्प, कृषि व स्थानीय उत्पादों की विशेष सराहना की और इन्हें ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने वाला बताया।

राजवाड़े ने कहा कि राज्योत्सव में उभरते प्रतिभाशाली कलाकारों और स्थानीय उत्पादों को मंच प्रदान कर उन्हें आगे बढ़ाने का अवसर मिलता है, जो हमारी सांस्कृतिक पहचान और आर्थिक सशक्तिकरण दोनों को मजबूती देता है।
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