बिलासपुर
रायपुर के मेकाहारा अस्पताल के गायनिक वार्ड में दो प्रसूताओं को एक ही बेड पर भर्ती किए जाने का मामला सामने आया है। इस घटना ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं इस मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने कहा, स्थिति बेहद ही खराब है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है और 6 नवंबर तक एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को शपथ पत्र में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
इस मामले में मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा की बेंच ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा, अगर राजधानी के प्रमुख अस्पताल की यह स्थिति है तो प्रदेश के अन्य जिलों में हालात की कल्पना की जा सकती है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा कि अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) को 6 नवंबर तक शपथपत्र प्रस्तुत करना होगा। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि ऐसी घटनाएं मानव गरिमा के विपरीत है और प्रशासन को तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने होंगे।
सरकारी सिस्टम पर उठे सवाल
इस घटना ने न केवल स्वास्थ्य तंत्र की लापरवाही को उजागर किया है, बल्कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया है। जनता अब यह सवाल उठा रही है कि जब राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का यह हाल है तो ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों में मरीजों का क्या हाल होगा?
Samachaar Today Latest & Breaking News Updates In Hindi