रायपुर: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के अमृत सरोवर मिशन के तहत निर्मित तालाब अब केवल जल संरक्षण का साधन न रहकर ग्रामीणों की आर्थिक उन्नति का माध्यम बन रहे हैं। रायगढ़ जिले के कोड़ासिया ग्राम का अमृत सरोवर इसका जीवंत उदाहरण है, जहाँ पद्मावती महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएँ मछली पालन के माध्यम से आत्मनिर्भर बन रही हैं।
समूह की 10 महिला सदस्यों ने 2.70 एकड़ में फैले अमृत सरोवर में सामूहिक रूप से मछली पालन प्रारंभ किया। प्रारंभिक निवेश के रूप में 6 हजार रूपये में मछली बीज, 10 हजार रूपये में दाना तथा 4 हजार रूपये जाल व मजदूरी पर व्यय किए गए। इस छोटे निवेश ने बड़ा परिणाम दिया। महिलाओं ने कोड़ासिया के साप्ताहिक बाजार एवं सरोवर किनारे ताजी मछलियों का विक्रय कर 1.50 लाख रूपये की आय अर्जित की, जिससे 1.30 लाख रूपये का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ। प्रत्येक महिला को 13-13 हजार रूपये का लाभांश प्राप्त हुआ।

मछली पालन से प्राप्त इस सफलता ने न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया है, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी नई दिशा दी है। अब वे गाँव की अर्थव्यवस्था में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। अमृत सरोवर के किनारे मछली विक्रय करती ये महिलाएँ गाँव की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं।
यह पहल केवल एक व्यवसाय तक सीमित नहीं है, बल्कि आर्थिक स्वावलंबन और सामाजिक बदलाव की शुरुआत है। पहले जहाँ महिलाएँ घरेलू जिम्मेदारियों तक सीमित थीं, वहीं अब वे संगठित होकर आय अर्जित कर अपने परिवार और समाज दोनों को संबल प्रदान कर रही हैं। कोड़ासिया ग्राम का अमृत सरोवर आज साहस, मेहनत और महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बन चुका है।
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