नई दिल्ली। तिब्बतियों के सर्वोच्च धर्मगुरु दलाई लामा ने अपने उत्तराधिकारी को लेकर बड़ा ऐलान किया है। दलाई लामा ने कहा है कि तिब्बती बौद्ध परंपराओं के अनुसार ही उनका उत्तराधिकारी चुना जाएगा और इसके लिए उन्होंने गादेन फोडरंग ट्रस्ट को जिम्मेदारी सौंपी है। दलाई लामा ने अपने उत्तराधिकारी के चयन में चीन की किसी भी प्रकार की भूमिका होने से साफ इनकार कर दिया है। साथ ही उन्होंने यह भी स्प्ष्ट किया है दलाई लामा संस्थान का संचालन भविष्य में भी होता रहेगा। दलाई लामा 6 जुलाई को 90 वर्ष के होने वाले हैं, ऐसे में उनके उत्तराधिकारी को लेकर समय-समय पर चर्चा चलती रहती है।
दलाई लामा ने बताया कि उनके उत्तराधिकारी की पहचान और उसे मान्यता देने की प्रक्रिया का अधिकार सिर्फ और सिर्फ गादेन फोडरंग ट्रस्ट को होगा। कोई भी व्यक्ति या अन्य कोई संस्था इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती। आपको बता दें कि तेनजिंग त्याग्सो 14वें दलाई लामा हैं। उनके उत्तराधिकारी का 15वें दलाई लामा के रूप में चयन होगा। इससे पहले ऐसा माना जा रहा था कि दलाई लामा की मृत्यु के बाद 15वें दलाई लामा के चयन में चीन भूमिका निभा सकता है मगर अब दलाई लामा ने चीन को झटका दे दिया है।
दलाई लामा ने अपनी पुस्तक वॉयस फॉर द वॉयसलेस में इस बात का मेंशन किया है कि उनका अगला अवतार चीन के बाहर स्वतंत्र दुनिया में होगा। भारत या किसी अन्य देश में जहां तिब्बती बौद्ध धर्म की स्वतंत्रता पर कोई हस्तक्षेप न हो। उन्होंने यह भी लिखा है कि पुनर्जन्म से उद्देश्य यह है कि मेरे कार्यों को आगे बढ़ाना। हालांकि चीन का कहना है कि दलाई लामा एक राजनीतिक निर्वासित हैं ऐसे में उनको तिब्बती लोगों के प्रतिनिधित्व का कोई अधिकार नहीं है। आपको बता दें कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी की पहचान की प्रक्रिया को तुल्कु प्रणाली कहा जाता है।
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