ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे, तब से खरमास की शुरुआत हो जाएगी. साल भर में कुल दो बार खरमास लगता है. एक जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है तब और दूसरा जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है तब. खरमास पूरे 1 महीने तक रहता है. माना जाता है कि खरमास की शुरुआती के बाद से ही सभी प्रकार के मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं. वहीं सबके मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि खरमास में क्या तुलसी पूजन करना चाहिए या नहीं, तो आईये सवाल का जवाब जानते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य से?
क्या कहते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य ?
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 के संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि 15 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर रहे हैं, जिसे धनु संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है या खरमास के नाम से भी. वैसे तो खरमास का महीना अशुभ माना जाता है. सभी प्रकार के मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं, लेकिन पूजा पाठ का महत्व दो गुणा हो जाता है.
खरमास में तुलसी पूजन करना चाहिए या नहीं
ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल बताते हैं कि खरमास के दिनों में तुलसी पूजन अवश्य करनी चाहिए. खरमास में अगर आप तुलसी पूजन करते हैं, तो माता लक्ष्मी बेहद प्रसन्न होती हैं की तुलसी को माता लक्ष्मी का ही रूप माना गया है.
किस विधि से करें पूजा
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि खरमास के दिनों में हर रोज अगर ब्रह्म मुहूर्त में उठकर तुलसी में तांबे के पात्र से जल अर्पण करते हैं, तो माता लक्ष्मी प्रसन्न होंगी इसके साथ ही हर रोज घी के दीपक अवश्य जलाएं. ऐसा करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और आर्थिक उन्नति होगी. ध्यान रहे खरमास के दिनों में तुलसी के पौधे में श्रृंगार समान बिल्कुल भी अर्पण ना करें और तुलसी का पत्ता ना तोड़े.
क्यूँ होता है खरमास अशुभ?
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि जब सूर्य गुरु की राशि धनु और मीन में प्रवेश करते हैं, तो सूर्य और गुरु का प्रभाव कमजोर हो जाता है. शुभ कार्य के लिए गुरु और सूर्य का शुभ स्थिति में होना चाहिए. लेकिन खरमास के दिनों में गुरु और सूर्य दोनों कमजोर होते हैं. इसलिए खरमास को अशुभ माना जाता है और मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं.