बैतूल में 34 फर्जी खाते खोले, केसीसी का लोन ट्रांसफर कर सवा करोड़ निकाले
मुलताई। बैतूल में क्रिकेटर नमन ओझा के पिता विनय कुमार ओझा को कोर्ट ने 7 साल की जेल और 14 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। उन पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जौलखेड़ा ब्रांच में साल 2013 में सवा करोड़ रुपए गबन का आरोप था। उन्होंने 34 फर्जी खाते खुलवाकर इसमें केसीसी का लोन ट्रांसफर कर निकाल लिए थे।मुलताई के अपर सत्र न्यायालय ने मंगलवार को 11 साल पुराने केस में सजा सुनाई। जिस समय गबन हुआ तब नमन के पिता बैंक में मैनेजर थे। कोर्ट ने इस मामले में एक अन्य तत्कालीन मैनेजर अभिषेक रत्नम और दो अन्य आरोपियों धनराज और लखनलाल पवार को भी 7-7 साल जेल की सजा सुनाई है।
2014 में धोखाधड़ी का केस हुआ था दर्ज
नमन के पिता विनय ओझा पर 2014 में धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी। केस दर्ज होने के बाद से वे फरार चल रहे थे। पुलिस 8 साल से उनकी तलाश में जुटी थी। मामले में बाकी आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। विनय ओझा को 2022 में पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था। चारों आरोपी फिलहाल जमानत पर बाहर थे। कोर्ट का फैसला आने के बाद उन्हें मुलताई जेल भेज दिया गया।
आरोपियों ने मिलकर ऐसे किया था गबन
2013 में बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जौलखेड़ा ब्रांच में अभिषेक रत्नम मैनेजर थे। उन्होंने पदस्थ होने के दौरान साजिश रची। उनका तबादला होने के बाद सफाईकर्मी और अन्य के साथ मिलकर रविवार 2 जून 2013 को करीब 34 फर्जी खाते खुलवा लिए। इनमें केसीसी का लोन ट्रांसफर कर दिया।
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