दमोह । दमोह जिले के तेजगढ़ थाना अंतर्गत सहकारी बैंक में हुई साढ़े सात लाख की चोरी का पुलिस ने खुलासा कर दिया। ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान हुए कर्ज को चुकाने के लिए एक युवक ने दो दोस्तों के साथ मिलकर बैंक से 7 लाख 50 हजार रुपए की चोरी की वारदात को अंजाम दिया था। घटना चार अक्तूबर की है। पांच अक्टूबर को जब बैंक कर्मचारी पहुंचे तब उन्हे जानकारी लगी और पुलिस को सूचना दी। तीनों आरोपियों ने मिलकर बैंक की दीवार में छेद किया और लॉकर में रखे रुपए गायब कर दिए। पुलिस ने मंगलवार को तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया। तीनों में वारदात का मास्टर माइंड हिमांशु उर्फ निक्की दीक्षित है। इसके पिता महेंद्र दीक्षित पेशे से शिक्षक हैं। जानकारी के अनुसार तेजगढ़ के जिला सहकारी बैंक में 4 अक्तूबर की रात में दीवार में छेद करके चोरी की गई थी। पुलिस ने मामले की पड़ताल की तो पता चला बैंक की तिजोरी में 22 लाख 50,000 रुपए रखे थे। इसमें से 7 लाख 50,000 रुपए चोरी हो गए थे। शेष 15 लाख अलग लॉकर में रखे मिले। आसपास की पड़ताल और पूछताछ में पता चला कि बैंक के बाजू में रहने वाला हिमांशु उर्फ निक्की दीक्षित पिता महेंद्र दीक्षित निवासी तेजगढ़, दीपक उर्फ दिप्पू पिता रंजीत सिंह लोधी निवासी तेजगढ़, अंशुल पिता रामेश्वर विश्वकर्मा निवासी तेजगढ़ तीनों मिलकर बैंक के आसपास देखे गए। पुलिस ने तीनों को बुलाया और पूछताछ की तो तीनों ने जुर्म स्वीकार कर लिया।
वारदात का मास्टर माइंड है हिमांशु
तेजगढ़ थाना प्रभारी अभिषेक पटेल ने बताया कि तीनों एक साथ रहते थे। इनमें हिमांशु ही वारदात का मास्टर माइंड निकला। ऑनलाइन गेम खेलन के चलते इस पर आर्थिक तंगी गई थी। कर्जा चुकाने के लिए हिमांशु ने साजिश रची थी। वह सहाकारी बैंक के बगल में ही रहता है। उसके दोनों साथी भी बैंक के 100 मीटर के दायरे में ही रहते हैं। जिस कारण इनका बैंक में आना जाना हमेशा रहता था। बैंक के अंदर जाकर उन्होंने पूरा मुआयना कर लिया था। साथ ही इनको मालूम था कि लॉकर कहां है। तीनों से चोरी की गई रकम भी बरामद कर ली है।
Samachaar Today Latest & Breaking News Updates In Hindi