इंदौर के क्लाॅथ मार्केट की तीसरी मंजिल एक दुकान में शनिवार सुबह आग लग गई। मौके पर पहुंचने में फायर ब्रिगेड की दमकल को पहुंचने में मुश्किल आई,क्योकि गलियां काफी संकरी थी। आग सुबह उस वक्त लगी, जब ज्यादातर दुकानें बंद रहती है और सड़कों पर वाहन नहीं खड़े रहते।
यदि दिन में लगती तो फायर ब्रिगेड को जाने में और ज्यादा समय लगता। फायर ब्रिगेड ने आग बुझाकर इसे फैलने से रोका, नहीं तो आसपास की दुकानें भी चपेट में आ सकती थी।
क्लॉथ मार्केट की एक दुकान में शनिवार सुबह लोगों ने धुआं उठते देखा। दुकान पंकज सोमानी की है। धुआं दुकान की तीसरी और चौथी मंजिल से उठ रहा था। कुछ देर बाद आग की लपटें दिखाई देने लगी। आग देख गली में अफरा-तफरी मच गई,क्योकि आसपास दूसरी दुकानें भी थी। उन दुकानों के व्यापारी भी मौके पर पहुंच गए।
आग लगने के करीब आधे घंटे बाद फायरब्रिगेड के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और उपरी मंजिल की आग पर काबू पाया। दुकान तक पहुंचने के लिए एक ही गली थी। इस कारण एक ही दमकल को जाने की वहां जगह मिल पाई थी।
तीसरी और चौथी मंजिल की दुकान का उपयोग गोडाउन की तरह किया जा रहा था। आग शार्ट सर्किट के कारण लगी और दुकान में रखा कपड़ा जलकर राख हो गया। आग बुझने से दूसरे व्यापारियों ने भी राहत की सांस ली,क्योकि यदि आग बुझान में देरी होती तो दूसरी दुकानों को भी लपटें चपेट में ले सकती थी।
पहले सराफा क्षेत्र में लगी थी आग
क्लाथ मार्केट, सराफा बाजार सहित कई क्षेत्र की सड़कें काफी संकरी है। यहां आग बुझाने में फायर ब्रिगेड को परेशानी आती है। सालभर पहले सराफा बाजार में भी आग लगने से दो दुकानें जलकर राख हो गई थी। तब सराफा चौपाटी को हटाने की सुगबुगाहट भी शुरू हो गई थी। इन इलाकों में पार्किंग भी सड़क पर होने की वजह से बड़े वाहन गलियों में नहीं जा पाते है।
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