मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने मांग की थी कि 15 मार्च तक भारत अपने सैनिकों को वापस बुला ले।
अब विदेश मंत्रालय ने बताया कि मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों की जगह अब भारत का टेक्निकल स्टाफ लेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान बताया कि दोनों देशों के बीच तीसरे दौर की बातचीत जल्द की जाएगी।
ऐसा माना जा रहा है कि कम से कम 75 भारतीय सैन्यकर्मी मालदीव में हैं। ये सैनिक दूरदराज के द्वीपों से मरीजों को ले जाने और समुद्र के किनारे किसी तरह की अनहोनी के दौरान लोगों के मदद के लिए तैनात हैं।
बीते दिनों भारत ने मालदीव को डोर्नियर हवाई जहाज और दो हेलीकॉप्टर दिए थे। टेक्निकल स्टाफ मालदीव में इन हेलीकॉप्टरों और जहाज का रखरखाव करेंगे। पिछले साल मालदीव की सत्ता में आने के बाद राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया।
चीन समर्थक मुइज्जू जब से सत्ता में आए हैं तब से ही भारत और मालदीव के बीच तनाव बढ़ गया है।
मालदीव के विदेश मंत्रालय ने 2 जनवरी को कहा कि दोनों देशों के अधिकारी नई दिल्ली में मिले और इस बात पर सहमत हुए कि भारत मार्च से मालदीव से अपने सैनिकों को वापस बुलाना लेना शुरू कर देगा।
सत्ता संभालने के बाद मुइज्जू के ज्यादातर बयान विवादित रहे और भारत के खिलाफ रहे।
चीन का दौरा करने के बाद उन्होंने कहा कि चूंकि हम छोटे आकार हैं इसका मतलब यह नहीं है कि हमारे ऊपर किसी को धौंस जमाने का लाइसेंस मिल जाता है। उनकी टिप्पणियां तब सामने आई जब पीएम मोदी के खिलाफ अपशब्द का इस्तेमाल करने पर मालदीव के मंत्री लोगों का विरोध झेल रहे थे।
मालदीव और भारत के बीच विवाद तब और गहरा गया जब पीएम मोदी ने एक्स पर लक्षद्वीप के समुद्री तट पर टहलते हुए और स्नॉर्कलिंग करने के दौरान की अपनी तस्वीरें साझा कीं। इस पोस्ट पर मालदीव के कुछ मंत्रियों ने पीएम मोदी के खिलाफ अपशब्द का इस्तेमाल किया।
जिसके बाद बवाल मच गया। खुद मालदीव में इसका विरोध होने लगा। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भी इसका विरोध किया। चारों तरफ हो रही आलोचना के बाद मुइज्जू सरकार नींद से जागी। मुइज्जू सरकार ने उन तीन मंत्रियों को निलंबित कर दिया जिन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द एक्स पर लिखे थे।
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