प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 अगस्त को शांति का अग्रदूत बनकर यूक्रेन की यात्रा पर जाने वाले हैं।
सरकारी सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा का उद्देश्य दो साल से चल रहे संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की गारंटी देना है।
इससे पहले जुलाई में मॉस्को में भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बताया कि यूक्रेन संकट का सैन्य समाधान संभव नहीं है।
बम, बंदूक और गोलियों के बीच शांति वार्ता सफल नहीं हो सकती। न्यूज-18 की रिपोर्ट के मुताबिक, अब पीएम मोदी इस महीने के अंत में यूक्रेन में भी शांति का यह संदेश लेकर जाएंगे।
रूस के द्वारा हमला करने के बाद दुनिया के कई नेताओं ने कीव की यात्रा की है। हालांकि, अभी तक युद्ध का समाधान नहीं निकाला जा सका है।
पीएम मोदी से उम्मीद की जाती है कि वह अपने कूटनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल दोनों देशों के बीच की लड़ाई को खत्म करने के लिए करेंगे।
सरकारी सूत्रों के अनुसार यह यात्रा प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा के परिणाम है। यूक्रेन, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में भारत द्वारा लगातार इसका समाधान उठाने का प्रयास किया जा रहा है।
रूस के साथ घनिष्ठ संबंधों के बावजूद भारत ने यह सुनिश्चित किया है कि संघर्ष को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से हल किया जाना चाहिए।
जून में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ अपनी बैठक के दौरान पीएम मोदी ने संघर्ष का समाधान खोजने के लिए एक शांतिपूर्ण समाधान और मानव-केंद्रित दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
आपको बता दें कि अगर पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा होती है तो यह चार दशकों से अधिक समय में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा होगी।
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