वियनतियाने। रूस ने आसियान शिखर सम्मेलन में यूरेशियाई नाटो का ऐलान किया है। इस बैठक में शामिल हुए रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि कई आसियान देशों ने यूरेशिया में नई सुरक्षा संरचना बनाने के रूस के विचार में रुचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि सदस्य देश चाहते हैं कि पश्चिम चीन और रूस को नियंत्रित करने के लिए आसियान के भीतर संकीर्ण प्रारूपों पर जोर दे रहा है। इसे अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है।
अमेरिका ने नाटो शीत युद्ध के दौरान रूस का मुकाबला करने के लिए बनाया था। इस गठबंधन में वर्तमान में 32 देश शामिल हैं। इस गठबंधन का सबसे नवीन सदस्य देश स्वीडन है। लावरोव ने शिखर सम्मेलन की मंत्रिस्तरीय बैठक के बाद कहा कि पश्चिम अभी भी एक स्पष्ट लक्ष्य के साथ संकीर्ण प्रारूपों पर जोर दे रहा है, यह इसे छिपाता नहीं है कि उनका जोर चीन और रूस को नियंत्रित करने पर है।
हमारे आसियान साझेदार इसे अच्छी तरह से समझते हैं और उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की पहल में रुचि दिखाई है, जिसका यहां उल्लेख किया गया है, एक यूरेशियाई सुरक्षा प्रणाली जो अविभाज्य और समान होगी। रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि वार्ता में यूरेशियाई महाद्वीप के सभी देशों के लिए एक अविभाज्य सुरक्षा प्रणाली तैयार करने की जरुरत पर चर्चा की गई, जिसमें शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और यूरेशियाई आर्थिक संघ ऐसे प्रयासों के अच्छे उदाहरण हैं।
लावरोव ने कहा कि रूस संयुक्त परमाणु हमले की योजना को अंजाम देने की अमेरिका और दक्षिण कोरिया की योजनाओं के बारे में चिंतित है। उन्होंने कहा कि एक और चिंताजनक पहलू यह है कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने हाल ही में दक्षिण कोरिया के साथ संयुक्त परमाणु योजना पर एक समझौता किया है। इस समझौते का क्या मतलब है, इसका स्पष्टीकरण भी नहीं मिल पाया है, लेकिन हमें इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह अतिरिक्त चिंता का कारण बनता है।
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