अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चौथी बार शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया है।
इस बार रिपब्लिकन सांसद क्लाउडिया टेनी ने उनका नाम प्रस्तावित किया था। उनके राष्ट्रपति रहने के दौरान अब्राहम समझौता हुआ था।
इसी को लेकर क्लाउडिया ने उनका नाम नोबेल पुरस्कार के लिए आगे बढ़ा दिया।
क्लाउडिया ने कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान इजरायल, बहरीन और यूएई के बीच समझौता कराने में बड़ी भूमिका निभाई थी।
उन्होंने कहा कि ट्रंप की वजह से ही मध्य एशिया में चल रहा तनाव कम हुआ था। बाद में मोरक्को औऱ सूडान ने भी इसी तरह के समझौते पर हस्ताक्षर किए।
उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ऐसे शख्स हैं जिन्होंने 30 साल के संघर्ष को कम करने में बड़ी भूमिका निभाई। काफी समय तक कई संगठन और देश प्रयास करते रहे लेकिन समझौता नहीं हो पाया था।
बता दें कि हाल ही में ड्रोन स्ट्राइक में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत के बाद मध्य एशिया में एक बार फिर तनाव देखने को मिल रहा है।
वहीं गाजा में इजरायल हमास के साथ युद्ध लड़ रहा है। क्लाउडिया ने कहा कि 1978 में इजरायल औऱ एजिप्ट के बीच और 1994 के समझौते को अगर नोबेल प्राइज कमेटी कंसीडर करती है तो उसे डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों पर भी ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने भी इजरायल और चार अरब देशों के बीच समझौता कराने में बड़ी भूमिका निभाई थी।
तीन बार पहले भी हो चुके हैं नामित
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप को पहले भी तीन बार शांति के नोबेल के लिए नामित किया जा चुका है। 2018 में पहली बार नॉर्वे की सांसद क्रिश्चियन टाइब्रिंग ने उनको नामित किया था।
इसके बाद 2020 में ऑस्ट्रेलियन सांसदों के एक ग्रुप ने उनका नाम नोबेल के लिए प्रस्तावित कियाथा। वहीं 2021 में स्वीडन की एक पार्टी ने डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार देने की मांग की थी।
बता दें कि कई अमेरिकी राष्ट्रपतियों को शांति का नोबेल दिया जा चुका है। इसमें थियोडर रूजवेल्ट (1906), वुडरो विल्सन (1920), जिमी कार्टर (2002) और बराक ओबामा (2009) शामिल हैं।
Samachaar Today Latest & Breaking News Updates In Hindi